गणित या maths हमारे जीवन का एक महवपूर्ण विषय है, या ऐसा कह सकते हैं की हमारे द्वारा पढाये जाने वाले विषयों में से शायद सबसे महवपूर्ण है ( कुछ लोग हो सकता है हमारी बात से सहमत ना हो, परन्तु यह हमारा मत तो कम से कम है ही).
गणित अपने आप में लाखों परिभाषा एवं कथन समेटे हुए है. Yojya Pratilom एक ऐसा ही टॉपिक है.
दोस्तों योज्य प्रतिलोम क्या है? यही हमारा आज का विषय है. इस पोस्ट के खत्म होते होते आप इस प्रश्न का उत्तर दे पायंगे की योज्य प्रतिलोम किसे कहते हैं?
आज इस पोस्ट में हम लोग योज्य प्रतिलोम के बारे में जानेंगे. यह क्या है, इसकी परिभाषा क्या होती है, कुछ उदाहरणों को भी देखेंगे. तो आइये आगे बढ़ते हैं .
योज्य प्रतिलोम क्या है
आज इस पोस्ट में हम लोग योज्य प्रतिलोम क्या होता है, इसकी परिभाषा क्या होती है, कुछ उदाहरणों को भी देखेंगे. तो आइये आगे बढ़ते हैं.
Yojya Pratilom क्या है?
योज्य प्रतिलोम को इंग्लिश भाषा मे additive inverse के नाम से जाना जाता है. इसकी परिभाषा निम्न प्रकार है-
योज्य प्रतिलोम किसी संख्या की वह संख्या होती है जिसको मूल संख्या के साथ योग करने पर योगफल शुन्य आता है.
योज्य प्रतिलोम Meaning In English
(For any number, Additive inverse is that number, which when added to the original number, gives the sum as zero.)
यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात यह है की दोनों संख्या एक दुसरे की योज्य प्रतिलोम हैं. यानि की उदहारण के लिये अगर एक संख्या X है तो उसका योज्य प्रतिलोम –X होगा, जबकि –X का योज्य प्रतिलोम X होगा.
योज्य प्रतिलोम को संयोजी विलोम भी बोला जाता है.
अतः यदि आपसे कोई पूछेगा की योज्य प्रतिलोम क्या होता है in English या संयोजी विलोम किसे कहते हैं तो आप उसका अच्छे से उत्तर दे सकते हैं. इसकी परिभाषा को ऊपर दिए गए कथन के अनुसार दिया जा सकता है
Yojya Pratilom के उदहारण : योज्य प्रतिलोम क्या है
आइये अब कुछ उदहारण के द्वारा हम योज्य प्रतिलोम को अच्छे से समझने का प्रयास करते हैं.
Table Of Contents
15 का योज्य प्रतिलोम ?
15 + (-15 ) =0 . अतः 15 का योज्य प्रतिलोम (Additive inverse) -15 है.
15 एवम् -15 दोनों एक दुसरे के योज्य प्रतिलोम (Additive inverse)
5/8 का योज्य प्रतिलोम क्या होता है ?
5/8 + (-5/8) = 0 . अतः 5/8 का योज्य प्रतिलोम -5/8 है.
6 का Yojya Pratilom क्या होता है ?
6 +(-6) = 0 . अतः 6 का योज्य प्रतिलोम (Additive inverse) -6 है.
6 एवम् -6 दोनों एक दुसरे के Additive inverse हैं.
2/8 का योज्य प्रतिलोम क्या होता है ?
2/8 + (-2/8) = 0 . अतः 2/8 का Yojya Pratilom -2/8 है.
18 का योज्य प्रतिलोम क्या होता है ?
18 + (-18) =0 . अतः 18 का योज्य प्रतिलोम (Additive inverse) -18 है.
4/5 का योज्य प्रतिलोम?
4/5 + (-4/5) = 0 . अतः 4/5 का योज्य प्रतिलोम (Additive inverse) -4/5 है.
4 का योज्य प्रतिलोम ?
4 + (-4) = 0 . अतः 4 का योज्य प्रतिलोम (Additive inverse) -4 है.
4 एवम् -4 दोनों एक दुसरे के योज्य प्रतिलोम (Additive inverse)
2/8 का योज्य प्रतीलोम क्या है ?
2/8 + (-2/8) = 0 . अतः 2/8 का योज्य प्रतिलोम (Additive inverse) -2/8 या -1/4 है.
-5/-7 का योज्य प्रतिलोम क्या होता है?
-5/-7 =5/7
5/7 + (-5/7) =0 . अतः -5/-7 का योज्य प्रतिलोम (Additive inverse) -5/7 है.
-5/-7 एवम् 5/7 दोनों एक दुसरे के योज्य प्रतिलोम (Additive inverse)
क्या एक पूर्णांक और उसके Yojya Pratilom का योग सदैव शून्य होता है?
जी हाँ. चुकी योज्य प्रतिलोम (अथवा संयोजी विलोम) किसी संख्या का ऋणात्मक होता है. अर्थात अगर संख्या a है तो उसका योज्य प्रतिलोम –a होगा. a + (-a) = 0
परिमेय संख्या a/b का योज्य प्रतिलोम क्या होता है?
यदि हम मानते हैं की a/b का योज्य प्रतिलोम –a/b है तो परिभाषा के अनुसार
a/b + x = 0 = > x= -a/b
अतः a/b का योज्य प्रतिलोम –a/b है .
प्रश्न यह है की यदि x,y और z का माध्य A हो तथा (x+y)z का योज्य प्रतिलोम xy हो , तो x^2,y^2 तथा z^2 का माध्य है –
(x+y+z)/3 =A , (x+y)z =xy . परन्तु क्योंकि xy योज्य प्रतिलोम है तो (x+y)z = -xy
xz +yz = -xy = > xy + yz + zx =0
(x^2 + y^2 + z^2)/3 = [(x+y+z)^2 -2 (xy+yz+zx)]/3 = [ ( 3A)^2 -2 *0 ]/3 = 9 A^2/3 =3A^2
0 (शून्य) का योज्य प्रतिलोम लिखे
0 + x = 0 = > x = 0
अतः 0 का Yojya Pratilom 0 है.
क्या आप अब अच्छे से बता सकते हैं की योज्य प्रतिलोम किसे कहते हैं
Prakash Varsh Kiska Matrak Hai
FAQs on Yojya Pratilom:
आइये अब उन प्रश्नों पर एक नज़र डालते हैं जो योज्य प्रतिलोम से सम्बंधित होते हैं एवं लोग अक्सर इसे प्रश्नों के उत्तर की तलाश में गूगल पर सर्च करते हैं
0 का योज्य प्रतिलोम क्या है?
शून्य या 0 का योज्य प्रतिलोम क्या होता है? यह प्रश्न शायद योज्य प्रतिलोम से सम्बंधित ऐसा प्रश्न है जिसे लोग अक्सर पूछते हैं. इसका उत्तर ऊपर भी दिया गया है. फिर भी हम एक बार और इसका उत्तर देने का प्रयास करते हैं . योज्य प्रतिलोम वह अंक होता है जिसे अगर मूल शंख्या में जोड़ा जाये तो वह शंख्या शून्य हो जाती है. आब आप खुद बतायिए की शून्य या zero में क्या जोड़ा जाये ताकि दोनों का योग zero हे रहे, तो इसका उत्तर होगा zero या शून्य .
निष्कर्ष : योज्य प्रतिलोम क्या है
उपरोक्त उदाहरणों से यह निकलकर आता है की यदि एक परिमेय संख्या (Rational Number) a है तो उसका योज्य प्रतिलोम (अथवा संयोजी विलोम) –a होगा.
हम लोगो ने यहाँ जाना की Yojya Pratilom क्या है, योज्य प्रतिलोम की परिभाषा English में क्या होती है, कुछ उदहारण भी देखे जिससे पता चला की योज्य प्रतिलोम क्या है. उम्मीद करतें हैं की आप योज्य प्रतिलोम के बारे में अच्छे से जान गए होंगे. योज्य प्रतिलोम के बारे में आप यहाँ भी देख सकते हैं
अगर आप का कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स में पूछना न भूले. हम जल्दी ही आपके प्रश्न का उत्तर देने की कोशिश करेंगे.
3 thoughts on “योज्य प्रतिलोम क्या है : Yojya Pratilom 13 cool examples”