Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai : Story of 2 Geologist

दोस्तों हम में से अपने बचपन में लगभग सभी ने भूगोल विषय को पढ़ा ही होता है. भारतीय शिक्षा में भूगोल एक प्रमुख एवं अनिवार्य विषय है. परन्तु क्या आपने कभी सोचा है की भूगोल सबसे पहेले विश्व के सामने कौन लेकर आये थे. इसी विषय के बारे में सोचते हुए यह पोस्ट लिखी गयी है.

इस पोस्ट में हम लोग जानेंगे की Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai?

इस प्रश्न का उत्तर है की अपने भूगोल को दिए गए योगदान के कारण  हिकैटियस को ही Bhugol Ka Janak कहा जाता है.

आइये विस्तार से इस प्रश्न के उत्तर को जानने की कोशिश करते हैं साथ ही आपको बतायेंगे की ऐसा जिस भूगोलिक वैज्ञानिको या दार्शनिको को ऐसा कहा जाता है, उन्हें ऐसा क्यों कहा जाता है? उनके द्वारा किये गए कार्यों पर चर्चा करेंगे तथा हम तर्कपूर्ण यह देखेंगे की उन्हें आखिर Bhugol Ke Janak Kaun Hai?

साथ ही जानते हैं की भूगोल क्या होता है एवम् भूगोल के जनक ने हमे किस प्रकार से सर्वप्रथम भूगोल का ज्ञान दिया था, यह भी बताने का प्रयास करेंगे की उन्होंने विश्व को क्या बताया था. इस पोस्ट में हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे की क्यों मानव जीवन में भूगोल का इतना महत्व है. तो आइये, बिना समय गवाएं हम आगे बढ़ते हैं.

Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai

जब भी हम भूगोल विषय के बाते करते हैं तो जो विचार सबसे पहले आता है की आखिर यह कौन सा व्यक्ति था, जिसने भूगोल विषय को दुनिया के सामने रखा. इन्ही विषयों पर चर्चा करते हुए जो प्रमुख प्रश्न हमारे सामने आएगा वो होगा की Bhugol Ke Janak kaun hai. ये प्रश्न अक्सर हमारे सामने आते हैं, तो आगे बढते हैं एवं इस लेख में इन प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करते हैं  की Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai .

जब हम भूगोल विषय पर गहराई से विचार करते हैं तो इस प्रश्न के उत्तर में हमे दो उत्तर मिलते हैं-

  1. हिकैटियस 2. एरेटोस्थेनेज (इरैटोस्थनिज़)

कुछ लोगो का मत है की हिकैटियस ही भूगोल के जनक हैं, जबकि कुछ लोग एरेटोस्थेनेज (इरैटोस्थनिज़) को इस प्रश्न का सही उत्तर बताते हैं. इस प्रश्न का सही उत्तर जानने के लिए हमे हिकैटियस एवं एरेटोस्थेनेज दोनों के बारे में विस्तार से अध्ययन करना होगा. हमे यह भी देखना होगा की हिकैटियस एवं एरेटोस्थेनेज का भूगोल के छेत्र में क्या क्या योगदान है?

चलिए जानते हैं की भूगोल का जनक किसे कहा जाता है या भूगोल का पिता किसे कहा जाता है? प्रश्न का सही उत्तर क्या है हिकैटियस या इरैटॉस्थनीज? एवम् क्यों हैं?

लेकिन उस से भी पहले जानते हैं की भूगोल का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है?

Bhugol Ka Jeevan Mai Mathav : Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai

भूगोल का हमारे जीवन में एक अत्यन्त ही महत्वपूर्ण स्थान है, भूमिका ही हमे अपने आस पास  की दुनिया को व्यज्ञानिक तरीके से  समझने में मदद करता है. अगर हमे यह जानना हो की भूगोल प्रमुख रूप से किस प्रकार हमारे जीवन को प्रभावित करता है तो यह मुख्यता निम्न होंगे-

भौतिक वातावरण

भूगोल हमें हमारे ग्रह की भौतिक विशेषताओं को समझने में मदद करता है, इसी की मदद से हम अपनी पृथ्वी की बनावट, मौसम पूर्वानुमान, भू संसाधन एवं फसल इत्यादि के बारे में समझने में सफलता पूर्वक सक्षम होते हैं. देखा जाये तो भूगोल हमारे survival के लिए सबसे जरुरी पढाये जाना वाला विषय है.

अगर हम अपने daily जीवन में भौतिक वातावरण की बात करें तो अगर आप किसान हैं, तो इस स्थान विशेष पर होने वाली फसल के बारे में आप जानकर ही कृषि सम्बंधित आगे के फैसले लेंगे. यह भूगोल का हमारे दैनिक जीवन में महत्त्व का एक बहुत छोटा सा उदहारण है, शायद इसी लिए आप Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai प्रश्न का उत्तर खोजने का प्रयास कर रहे हैं.

Jain Kesar Seva

सांस्कृतिक विविधता

भूगोल हमे विश्व की सांस्कृतिक विविधता को बारीकी से समझने में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह हमें यह समझाता है की दुनिया में विभिन्न क्षेत्रों के लोग इस प्रकार क्यों रहते हैं, क्या उनका खान पान है, अगर वो किसी विशेष प्रकार के कपडे पहनते हैं तो क्यों पहनते हैं? एवं उन लोगो की भाषा क्या है?

व्यावसायिक गतिविधियाँ

भूगोल का अध्ययन करके हम किसी विशेष स्थान की व्यावसायिक गतिविधियाँ के बारे में जान सकते हैं की इस एस्थान विशेष पर इस प्रकार का व्यापर ही क्यों फलता फूलता है. भूगोल हमें उस स्थान के प्राकृतिक संसाधनों के वितरण, व्यापार मार्गों और लोगों और संसाधनों के बारे में समझने में मदद करता है.

जलवायु परिवर्तन

अगर भूगोल की बात करें एवं जलवायु परिवर्तन के कारणों और प्रभावों को की बात ना करें तो यह सही नहीं होगा. भूगोल हमें उस स्थान के जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन के कारणों और प्रभावों समझने मेंएक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

अतः हम कह सकते हैं की भूगोल हमे हमारि दुनिया को समझने के लिए अति आवश्यक है. एवं Bhugol ka Pita Kise Kaha Jata Hai के उत्तर के लिए भूगोल एवं उसके योगदान के बारे में भी जानना जरुरी है.

पहेले हिकैटियस के बारे में चर्चा करते हैं एवं बताते हैं की हिकैटियस ने भूगोल के छेत्र में क्या योगदान दिया एवं क्या Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai के प्रश्न का उत्तर बन सकते हैं ?

Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai

हिकैटियस

हिकैटियस एक ग्रीक इतिहासकार एवम् भूगोलिक विद्वान थे. इनका जन्म 550 ईसा पूर्व मिलेटस राज्य में हुआ था, जो की अब बलात, तुर्की में हैं. उस समय यह क्षेत्र ग्रीक-फ़ारसी युद्ध का साक्षी बना था. ग्रीक-फ़ारसी युद्ध के समय हिकैटियस ने अपने साथियों को फ़ारसी सेना के विरुद्ध हथियार ना उठाने की सलाह दी थी, परंतु उनके साथियों ने उनकी नहीं सुनी एवं हार का सामना करना पड़ा. उसके बाद युद्ध के उपरांत हिकैटियस की सलाह पर ही फारसी शासको ने मिलेटस राज्य में शांति की स्थापना की थी.

इसके बाद हिकैटियस ने स्थानीय शासन में उच्च पद पर कार्य करना प्रारम्भ करना शुरू किया एवं जीवन भर भूगोल एवं विभिन्न विषयों का अध्ययन करते रहे. Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai का उत्तर क्या हिकैटियस हो सकता है? यह हम आगे आने वाले भाग में बतायंगे.

हिकैटियस की युवा अवस्था मुख्यतः भ्रमण करने में व्यतीत हुई इसी कारणवस इन्हें इतिहास एवम् भूगोल का अध्ययन करने का अवसर मिला. हिकैटियस ने अपने अनुभव एवम ज्ञान के आधार पर दो पुस्तके लिखी- पीरियोडोस जेस एवम् हिस्टोरिया. हलाकि अब ये पुस्तके केवल कुछ हिस्सों में ही मिल सकी हैं, बाकी समय के साथ गुमनामी के अँधेरे में खो गए हैं.

लेकिन ऐसा इन पुस्तकों में क्या था जिससे हिकैटियस का नाम भूगोल के छेत्र स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है एवं वह Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai के प्रश्न के उत्तर बन जाते हैं .

हिकैटियस के द्वारा लिखी गयी पुस्तक पीरियोडोस जेस का हिंदी अर्थ विश्व सर्वेक्षण होता है. यह पुस्तक उन्होंने अपनी समुंद्री यात्रा के अनुभव के आधार पर लिखी. इस पुस्तक में हिकैटियस ने विश्व का विवरण दो भागो के आधार पर किया, यूरोप एवम् एशिया. यह जानकारी Straits of Gibraltar से शरू होकर मोरक्को एवम् Black Sea तक की गयी.

इनके आधार पर हिकैटियस ने विश्व का दो महाद्वीपों पर आधारित नक्शा भी तैयार किया था. यह शायद विश्व का प्रथम नक्शा था. इसका विवरण इस प्रकार दिया गया है-

Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai

 

हिकैटियस ने अपनी पुस्तक Periodos Ges में समुंद्री यात्रा के दौरान अनेकों प्रकार के अनुभवों के आधार  को लिखा था. विभिन्न प्रकार के लोगो के बारे में, सभी सभ्यतओं के बारे में तथा अलग अलग जगह के अलग अलग वातावरणों की जानकारी भी दी गयी थी. यह जानकारी संभवतः भूगोल के बारे में सबसे पहेले किसी ने विश्व को दी थी. इसी कारण से जब भी ये प्रश्न पूछा जाता है Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai इस प्रश्न का उत्तर हिकैटियस हो सकते हैं.

एरेटोस्थेनेज (इरैटोस्थनिज़)

इरैटोस्थनिज़ यूनान (Greek) के एक महान वैज्ञानिक, गणितज्ञ, संगीतकार एवम् भूगोलविद थे. मानव भूगोल के इतिहास में इरैटोस्थनिज़ ने अनेकों कार्य कियें. इरैटोस्थनिज़ के इन योगदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता.

इरैटोस्थनिज़ का जन्म 276 ईसा पूर्व कोरिन में हुआ था. ये हिस्सा अब लीबिया मे आता है. पृथ्वी के बारे में जानने में इरैटोस्थनिज़ को खासी दिलचस्पी थी. इन्हें पुस्तकों के अध्ययन में खासी दिलचस्पी थी, इरैटोस्थनिज़ के इन्ही शौंक के वजह से इन्हें Alexendria Library का अध्यक्ष बना दिया गया. Alexendria Library का अध्यक्ष बनने के बाद इरैटोस्थनिज़ के जीवन में नयी चीजों को पढने एवम् जानने का उत्साह और भी बढ़ गया.

Geography शब्द का इस्तिमाल सबसे पहेले इरैटोस्थनिज़ ने ही किया था. उस समय उन्होंने GEOGRAPHICA शब्द का प्रयोग किया था, जो आगे चलकर Geography हो गया. इरैटोस्थनिज़ ने ही सबसे पहेले धरती की परिधि को ज्ञात किया था, विश्व को जलवायु या Atmosphere के हिसाब से बाटा था एवम् सूर्य से प्रथ्वी की दूरी, leap year इत्यादि की गणनाओं की लिये इरैटोस्थनिज़ नवीन भूगल का पिता कहा जाता हैं.

इरैटोस्थनिज़ का जन्म 276 ईसा पूर्व कोरिन में हुआ था. ये हिस्सा अब लीबिया मे आता है. इनके दिए गए योगदान से समझ आता है की इरैटोस्थनिज़ एक महान भूगोलिक थे.

The Peasant Movement of Bardoli 1928

निष्कर्ष : Bhugol Ka Janak

अगर अपने लेख के निष्कर्ष के बारे में बात करें तो हम यह कह सकते हैं की अपने भूगोल को दिए गए योगदान के कारण  हिकैटियस को ही Bhugol Ka Janak कहा जाता है.

इरैटोस्थनिज़ को उनके योगदान के लिए नवीन भूगल का पिता कह सकते हैं परन्तु विश्व को सर्वप्रथम भूगोल के बारे मे हिकैटियस ने ही बताया था, इसलिये जब भी यह प्रशन आएगा की Bhugol Ke Janak किसे कहा जाता है तो उसका सही उत्तर हिकैटियस ही होगा. उन्होंने अपनी रचनाओं साहित्य के माध्यम से विश्व के भूगोल को पहली बार वैज्ञानिक रूप से समझाने का प्रयास किया और इसे एक व्यवस्थित रूप दिया. उन्ही की प्रयासों के कारण आज भूगोल अपने वर्तमान के रूप में है.

FAQs on Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai :

आइये अब कुछ उन प्रश्नों के बारे में चर्चा करते हैं जो हमारे पाठक भूगोल एवं उनके जनक के सम्बन्ध में अक्सर पूछते हैं. अगर आप के भी भूगोल से सम्बंधित कुछ प्रश्न हैं तो आप भी यहाँ पूछ सकते हैं.

Bhugol ka janak kaun hai?

अपने इस लेख में हमने विस्तृत अधययन करके सिद्ध किया है की हिकैटियस को भूगोल का पिता या भूगोल के जनक का ख़िताब दिया गया है. भूगोल के छेत्र में हिकैटियस के योगदान को सर्वथा ही याद रखा जायेगा. इसी कारण उन्हे bhugol ke janak kaun hai प्रश्न का उत्तर में बोला जाता है .

मानव भूगोल का जनक किसे कहा जाता है  क्या आप बता सकते हैं ?

फ्रेड्रिक रैटजेल ने आधुनिक भूगोल के छेत्र में काफी कार्य किये हैं. यह कार्य इन्हें bhugol ke janak तो नहीं बनाता लकिन इन्हें मानव भूगोल का जनक जरुर बनाता है.

भौतिक भूगोल का जनक किसे कहा जाता है?

यह प्रश्न हमारे प्रमुख प्रश्न से अलग है, यहाँ भौतिक भूगोल के बारे में पूछा गया है. भौतिक भूगोल, bhugol की वह शाखा है जिसमे पृथ्वी के भौतिक स्वरुप जैसे वायुमंडल, सतह इत्यादि के बारे में अध्ययन किया जाता है. भौतिक भूगोल के बारे में अध्ययन करने के कारण से पोलीडोनियस (Polydonious) को भौतिक भूगोल का जनक कहा जाता है.

फ्रेड्रिक रैटजेल : Manav Bhugol Ka Janak

Chand Par Abhi Tak Kon Gaya hai

हिकैटियस के बारे में आप यहाँ अधिक पढ़ सकते हैं

Bhautik Bhugol Ki Paribhasha

दोस्तों उम्मीद करते हैं की आप लोगो को यहाँ दी गयी जानकारी पसंद आई होगी एवं आपको आपके प्रश्न यानि की Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai का उत्तर मिल गया होगा . इस पोस्ट को दोस्तों में शेयर कर सकते हैं. हमसे जुड़े रहने के लिए bookmark करना ना भूले. अगर आपका कोई प्रश्न है तो कमेंट बॉक्स पूछ सकते हैं.

You can also subscribe to our YouTube channel by Visiting here.

4 thoughts on “Bhugol Ka Janak Kise Kaha Jata Hai : Story of 2 Geologist”

Leave a Comment